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2023
एनटीएच (एसआर), चेन्नई में उच्च वोल्टेज प्रयोगशाला, एनटीएच (एनईआर), गुवाहाटी में माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला और एनटीएच (एसआर), चेन्नई में घरेलू उपकरण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया।
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2022
लेबोरेटरी इनफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम - https://mis.nth.gov.in/ और इ-समाधान मोबाइल ऍप का उद्घाटन
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2021
पिंडरा, वाराणसी (यूपी) में आरआरएसएल परिसर में एनटीएच उपग्रह केंद्र
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2020
रा.प.शा. (प.क्षे.), मुंबई में G+4 फेस-II भवन का निर्माण
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2019
रा.प.शा. (उ.पू.क्षे.), गुवाहाटी और रा.प.शा. (प.क्षे.), मुंबई में रूफटॉपसौर पीवी मॉड्यूल स्थापित किए गए हैं और उन्हें सेवा में लगाया गया है जिनमें से प्रत्येक की क्षमता क्रमशः 30kwpऔर 50kwp है।
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2018
रा.प.शा. (उ.प.क्षे.), जयपुर में मौजूदा प्रयोगशाला भवन के ऊपर एक अतिरिक्त मंजिल की स्थापना। रा.प.शा. साल्ट लेक, कोलकाता की छत पर 100kwpरूफटॉपसौरपीवी मॉड्यूल की स्थापना।
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2017
भारत के सामान्य प्रकाश क्षेत्र को बढ़ाने के लिए रा.प.शा. (पू.क्षे.), कोलकाता में अत्याधुनिक गोनियोफोटोमेट्रिक प्रयोगशाला।
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2016
रा.प.शा., गुवाहाटी के नए भवन का उद्घाटन किया गया।
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2013
भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी की गरिमामयी उपस्थिति में शताब्दी समारोह मनाया गया। रा.प.शा. का शताब्दी समारोह 20 जनवरी, 2013 को भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी की गरिमामयी उपस्थिति में मनाया गया। यह समारोह कोलकाता के ऐतिहासिक टाउन हॉल में मनाया गया, इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में पश्चिम बंगाल के माननीय राज्यपाल श्री एम के नारायण, तत्कालीन माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, प्रो. के वी थॉमस, पश्चिम बंगाल सरकार में उपभोक्ता मामले विभाग के माननीय प्रभारी मंत्री श्री साधन पांडे और प्रो. बिकाश सिन्हा, प्रख्यात वैज्ञानिक, होमी भाभा प्रोफेसर, परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार और अन्य शामिल थे। इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के तत्कालीन माननीय राज्यपाल श्री एम. के. नारायणन द्वारा “भारत में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान की उत्पत्ति और राष्ट्रीय परीक्षण शाला का इतिहास” नामक पुस्तक का विमोचन किया गया तथा इसकी प्रथम प्रति भारत के माननीय राष्ट्रपति को भेंट की गई।
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2012
रा.प.शा. चेन्नई में शताब्दी भवन का उद्घाटन
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2005
रा.प.शा., जयपुर शाखा में नए भवन का उद्घाटन
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2003
रा.प.शा., साल्ट लेक में नए भवन का उद्घाटन
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2002
सभी चिह्नित प्रयोगशालाओं अर्थात सिविल, आरपीटी, प्रकाश यांत्रिक और रसायन (पेंट को छोड़कर) को रा.प.शा., साल्ट लेक में स्थानांतरित कर दिया गया।
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2001
साल्ट लेक, कोलकाता के रा.प.शा. के प्रयोगशाला परिसर का मुख्य ब्लॉक विनियोजित कर लिया गया।
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2000
कोलकाता के साल्ट लेक स्थित रा.प.शा. के प्रयोगशाला परिसर के माप-विद्या एवं अंशांकन ब्लॉक तथा भारी सामग्री परीक्षण ब्लॉक को अपने अधीन ले लिया गया तथा आंशिक रूप से कार्यात्मक बना दिया गया।
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1996
गुवाहाटी शाखा खुली
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1994
जयपुर शाखा खोली गई। रा.प.शा. कोलकाता में कंप्यूटरीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली का उद्घाटन किया गया।
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1993
रा.प.शा., गाजियाबाद की उच्च वोल्टेज प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया।
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1986
गाजियाबाद परीक्षण शाला को कमला नेहरू नगर स्थित अपने भवन में स्थानांतरित कर दिया गया।
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1985
महानिदेशालय के कार्यालय ने रा.प.शा., कोलकाता मुख्यालय के परिसर में काम करना शुरू कर दिया।
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1984
एसएसीसी द्वारा नियुक्त वेल्लुरी समिति द्वारा एक प्रमुख वैज्ञानिक संगठन के रूप में मान्यता प्राप्त
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1983
बॉम्बे परीक्षण शाला को मरोल स्थित अपने भवन में स्थानांतरित कर दिया गया।
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1982
सत्रहवीं वर्षगांठ मनाई गई
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1981
मद्रास परीक्षण शाला को तारामणी में अपने स्वयं के भवन में स्थानांतरित कर दिया गया।
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1977
गाजियाबाद शाखा खुली
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1975
मद्रास शाखा खोली गई
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1972
हीरक जयंती मनाई गई
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1965
भारत सरकार द्वारा संगठनात्मक संरचना और वैज्ञानिक कर्मियों की कार्य पद्धति की गहन जांच करने के लिए एक अध्ययन दल नियुक्त किया गया था। अध्ययन दल द्वारा संस्थान की क्षमता के स्तर को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें कि गईं।
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1964
स्वर्ण जयंती मनाई गई बॉम्बे शाखा खोली गई
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1956
पुनर्गठन समिति कि सिफारिश के अनुसार रा.प.शा. भवन निर्माण के दूसरे चरण का पूरा होना तथा वैज्ञानिक कार्मिकों और आधुनिक उपकरणों का समग्र विस्तार
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1949
पुनर्गठन समिति कि सिफारिश के अनुसार भारत सरकार द्वारा रा.प.शा. के पुनर्गठित सलाहकार बोर्ड में प्रख्यात वैज्ञानिकों और उद्योगपतियों को नामित किया गया।
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1948
भारत सरकार द्वारा रा.प.शा. के आधुनिकीकरण कार्यक्रम का सुझाव देने के लिए एक पुनर्गठन समिति का गठन किया गया।
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1942
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान निदेशालय जिसे वर्तमान में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के नाम से जाना जाता है को नई दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।
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1940
रा.प.शा. के अनुसंधान अनुभाग को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान निदेशालय के प्रशासनिक नियंत्रण में स्थानांतरित कर दिया गया जो रा.प.शा. में ही स्थित था।
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1935
संचार विभाग की ओर से सड़क परीक्षण ट्रैक का आयोजन किया गया।
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1934
औद्योगिक आसूचना एवं अनुसंधान ब्यूरो (जिसे बाद में औद्योगिक अनुसंधान ब्यूरो के रूप में पुनः निर्मित किया गया) को स्वदेशी कच्चे माल संसाधनों से जुड़ी समस्याओं पर अनुसंधान करने के लिए रा.प.शा. में रखा गया।
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1922
औद्योगिक आयोग कि सिफारिश पर भारतीय भंडार विभाग द्वारा अवशोषित। रक्षा विभाग द्वारा आवश्यक सामान्य भंडार का 1929 तक नियमित रूप से परीक्षण किया जाता था।
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1912
भारतीय रेलवे द्वारा उपयोग के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित भंडार की उपयुक्तता की जांच करने के लिए तत्कालीन रेलवे बोर्ड के तहत कोलकाता में स्थापित। 1914 तत्कालीन युद्ध सामग्री बोर्ड द्वारा युद्ध सामग्री के परीक्षण का कार्य सौंपा गया।